Saturday, May 1, 2010

MOON.....my FATHER

ओ भी मुझे बेटी नहीं चोकरी क्यों बुलाता है ?

MOON....my FATHER

तुने किस जुर्म की, पाई ये सजा ?

आदमी रोया कहा...ज़िन्दगी रोंती है !

आसुवों से नहीं, पसीने से ज़िन्दगी बनती है !!